शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। वह कोई चुनाव लड़े बिना मुख्यमंत्री बनने वाले राज्य के पहले नेता होंगे। बुधवार को शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने उद्धव को नेता चुना था। उन्हें राजनीतिक विरासत पिता बाला साहेब ठाकरे से मिली। उद्धव शिवसेना से मुख्यमंत्री बनने वाले तीसरे नेता हैं। इससे पहले मनोहर जोशी और नारायण राणे मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं।
शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था। वह हमेशा किंगमेकर की भूमिका में रहे। ठाकरे परिवार से इस विधानसभा चुनाव में पहली बार उद्धव के बेटे आदित्य वर्ली सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने।
पिता के आदेश पर उद्धव राजनीति में सक्रिय हुए
27 जुलाई 1960 में मुंबई में जन्मे उद्धव जेजे स्कूल से ग्रेजुएट हैं। परिवार में उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, 2 बेटे आदित्य और तेजस हैं। आदित्य विधायक और युवा सेना के अध्यक्ष हैं, जबकि तेजस अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। उद्धव के करीबी बताते हैं कि उन्हें राजनीति से ज्यादा फोटोग्राफी का शौक रहा है। लेकिन पिता के आदेश पर राजनीति में सक्रिय हुए। बाला साहेब ने 2002 में सबसे पहले उन्हें बीएमसी चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसे उद्धव ने बखूबी निभाया था।
2003 में शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष बने
इसके बाद 2003 में बाला साहेब ने उद्धव की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। फिर 2004 में बाला साहेब ने उन्हें पार्टी का अगला अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की थी। उद्धव ने शिवसेना के प्रदेश में विस्तार में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने स्थानीय निकायों और जिला परिषद में भी शिवसेना का आधार तैयार किया।
सामना में लेख से अपनी आक्रामक छवि गढ़ी
उद्धव की छवि स्वभाव से अंतर्मुखी राजनेता के रूप में थी। राजनीति में सक्रिय होने से पहले वह मीडिया से भी दूर रहते थे। लेकिन पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद भी उद्धव को छवि से बाहर आने में वक्त लगा। फिर उन्होंने पिता की तरह तेवर दिखाने शुरू किए। बयानों के साथ ही शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लेख लिखकर पार्टी के उग्र तेवर को जारी रखा।
उद्धव फोटोग्राफी को खुद के लिए ऑक्सीजन मानते हैं
- कार्टूनिस्ट पिता के बेटे उद्धव को राजनीति से ज्यादा लगाव फोटोग्राफी से रहा है। फोटोग्राफी से उद्धव के लगाव को इस बात से समझा जा सकता है कि पुणे के एक कार्यक्रम में कहा था- फोटोग्राफी मेरे लिए ऑक्सीजन की तरह है। कोई कुछ भी कहे मैं फोटोग्राफी नहीं छोड़ सकता हूं। वाइल्ड लाइफ और नेचर फोटोग्राफी उनके पसंदीदा विषय हैं।
- उद्धव ने अपनी तस्वीरों के संकलन को 'महाराष्ट्र देशा' नाम की एक किताब के रूप में सबके सामने रखा। इस किताब में महाराष्ट्र के 27 बड़े किलों की एरियल व्यू की तस्वीर है। आसमान से किलों की तस्वीरें खींचने के लिए उद्धव ने रक्षा मंत्रालय से क्लियरेंस लिया था।
- एक इंटरव्यू में उद्धव ने कहा था कि वह सक्रिय ज्वालामुखी, अंटार्कटिक प्रदेश और माउंट एवरेस्ट की तस्वीरें कैमरे में कैद करना चाहते हैं। इससे पहले 2008 में उन्होंने इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल कर कनाडा के 'हडसन बे' में शून्य तापमान पर पोलर बियर और कम्बोडिया के मंदिरों की तस्वीरें खींची थीं।